अनन्या एक रहस्यमयी वकील के साथ उसके केसों पर काम करना चाहती है। त्यागी के नामांकन के लिए परेशानी तब खड़ी होती है, जब कोई उसके बड़े साइनबोर्ड की शिकायत कर देता है।
सुजाता अपने नए क्लाइंट - एक मुंहफट तोते का केस लेकर खुद पर लगे "बिना ऑफ़िस के वकील" का टैग हटाने की कोशिश करती है। जब एक बड़ा वकील आता है, तो त्यागी और बगई एक प्लान बनाते हैं।
अनन्या और सुजाता, एक महिला कैदी की परिवार शुरू करने की उसकी इच्छा को पूरी करने में हर संभव कोशिश करते हैं। अपने रिटायर जज पिता के साथ त्यागी की एक भावनात्मक बातचीत होती है।