मंडावा पुलिस स्टेशन में पुलिस के सामने एक महिला के लापता होने का मामला आता है। ऑफिसर देवीलाल सिंह अपने दो सर्वश्रेष्ठ पुलिस ऑफिसर, सब-इंस्पेक्टर अंजली भाटी और कैलाश पर्घी को इस काम पर लगाते हैं।
अंजली इस केस में और अधिक शामिल हो जाती है, जब कृष्णा की खोज एक और लापता महिला की खोज की तरफ ले जाती है।
केस में एक नया संभावित गवाह सामने आता है, जब पुलिस सुराग की तलाश के लिए पुरानी केस फाइलों को खंगालती है।
जैसे ही पुलिस एक संदिग्ध के करीब पहुँचती है, उस समय एक भी गलत कदम पूरी जाँच से समझौता करने पर मजबूर कर सकता है।
अंजली, सिंदूरा का पता लगाने की कोशिश करती है, जबकि दूसरी तरफ अपराधी अपने अगले शिकार की नींव रख रहा होता है।
जब एक और विक्टिम का शव मिलता है, तब एक नया मुख्य संदिग्ध सामने आता है और केस गति पकड़ने लगता है।
आनंद को ढूँढने के लिए पुलिस युद्धस्तर पर काम करती है।
हाल की घटनाओं के परिणामों से जूझते हुए पुलिस अधिकारियों के कुछ महीने गुजर चुके हैं।