ताहिर पूरी तरह टूट चुका है। उसने परिवार, नाम, भरोसा, कॉन्ट्रेक्ट सब खो दिया। साहित्य के चोर को दुनिया ने ठुकरा दिया। उसकी टूटी हुई हालत में आद्या उसका अपहरण करती है, उसे अंत तक पहुँचाने के लिए। क्या वह उस असली प्लान जान पाता है? क्या लोकेश उस तबाही को नज़रअंदाज़ कर पाता है जो किसी को दिखाई नहीं दे रही है?