1948 में सेट, नाटक दमनकारी सामंती ज़मींदारी व्यवस्था को पुन: पेश करता है, इसकी प्रबल मजबूत नायक दुर्गेश्वरी बैसाब परिवार और समाज दोनों में बड़े पैमाने पर अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
No artwork of this type.
No artwork of this type.
No artwork of this type.
No artwork of this type.
No artwork of this type.
No artwork of this type.
No lists.
No lists.
No lists.
Please log in to view notes.